

Samajik Samasyayen (सामाजिक समस्या)-Ram Ahuja (sociology) Social Problems For UPSC
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Author : Ram Ahuja
Edition : 3th
ISBN : 978813607718
Language : Hindi
Publisher: : Rawat Publications
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Samajik Samasyayen (सामाजिक समस्या)-Ram Ahuja (sociology) Social Problems For UPSC
यह इस पुस्तक का तीसरा संस्करण है। विगत कई वर्षों में यह पुस्तक समाज-विज्ञान के क्षेत्र में एक सुस्थापित पाठ्य-पुस्तक का रूप ग्रहण कर चुकी है। इस लोकप्रिय पुस्तक का संशोधित संस्करण ही इस तथ्य को स्पष्ट करता है कि भारत में सामाजिक समस्याओं को समझे जाने के लिए यह क्यों इतनी अधिक महत्वपूर्ण है। सन् 1992 में किए गए इसके सर्वप्रथम प्रकाशन, जो एक प्रभावशाली शैक्षणिक-गुणीजन के द्वारा लिखित सर्वाधिक विक्री वाली एक पाठ्य-पुस्तक रही, ने स्वयं को न केवल समाज-विज्ञान में स्नातक एवं परास्नातक पाठ्यक्रमों के अध्ययन में रत छात्रों, बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं, विशेषतौर पर विभिन्न लोक सेवा आयोगों के द्वारा संपन्न कराई जाने वाली सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी में रत हजारों आकांक्षियों के बीच एक मानक एवं अधिकृत स्रोत के रूप में स्थापित कर लिया है। अपने सर्वप्रथम प्रकाशन के समय से ही इसे इस क्षेत्र में व्यापक रूप से एक अग्रणी पुस्तक के रूप में मान्यता प्राप्त हो चुकी है क्योंकि यह प्रासंगिक एवं अद्यतन शोध के एक आधिकारिक सिंहावलोकन के साथ-साथ सैद्धांतिक परिशुद्धता को जोड़ती है।
इस नवीन संस्करण के लिए अधिकाधिक सामग्री को समाहित करने के उद्देश्य से इसे 20 से बढ़ाकर 25 अध्यायों तक विस्तारित कर दिया गया है तथा समाज-विज्ञान के क्षेत्र में हुई समस्त नवीनतम घटनाओं को शामिल करते हुए संशोधित व अद्यतन किया गया है। जिसमें कुछ समकालीन समस्याओं पर की गई परिचर्चाओं को भी स्थान प्रदान किया गया है जैसे ऑनर किलिंग, एसिड हमले, कृषि-संकट एवं किसानों की आत्महत्या, साइबर अपराध, घरेलू हिंसा, वृद्धावस्था एवं वृद्धों के साथ दुर्व्यवहार, जनजातीय असंतोष, तथा वैश्वीकरण एवं उपभोक्तावाद। हालांकि, वास्तव में यह एक नई पुस्तक है और यह इसके पहले के संस्करणों का अध्ययन कर चुके पुराने पाठकों सहित अन्य सभी लोगों के लिए भी अत्यन्त मूल्यवान सिद्ध होगी।
हमारे स्वर्गीय पिताजी, जिन्होंने इस पुस्तक को लिखा था, की अनुपस्थिति में इसके संशोधन/अद्यतनीकरण के कार्य को प्रकाशक के स्वर्य के संपादक मंडल ने अत्यंत विद्वतापूर्वक संपन्न किया है। हम उन सबके अत्यंत आभारी हैं। पुस्तक में अधिकांश मामलों में, यथासंभव नवीनतम आंकड़ों/सूचनाओं को उपलब्ध करवाया गया है। यद्यपि प्रकाशन में पूर्ण सावधानी बरती गई है फिर भी किसी भी कमी के लिए हम जिम्मेदार है। हम आपके आभारी होंगे यदि आप इन कमियों से हमें अवगत करवाते हैं ताकि उन्हें ध्यान में रखते हुए इस महत्वपूर्ण पुस्तक के अगले संस्करण में और अधिक सुधार किए जा सके।
Available at Ksagar Book Centre or on
www. ksagaronline.com or call on 9545567862
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