Bharat ki Aantarik Suraksha (भारत की आतंरिक सुरक्षा की मुख्य चुनौतियां)-Ashok Kumar,Vipul Anekant
हम इस पुस्तक के पाठकों की उत्कृष्ट एवं प्रशंसात्मक टिप्पणी से अभिभूत हैं। उनको आधिक प्रतिपुष्टि सिविल सेवा परीक्षा हेतु प्रत्येक संस्करण को साधन-संपन्न बनाने में बहुत लाभकारी रही है। छठे संस्करण में, हमने पुस्तक के सार को यथावत संक्षिप्त तार्किक विश्लेषणात्मक तथ्यात्मक एवं बिंदुवार रखा है। सिविल सेवा परीक्षा में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए उम्मीदवारों को प्रश्नों का विश्लेषण और विचारों को अपने शब्दों में अभिव्यक्त करना अत्यधिक महत्वपूर्ण है। बुद्धिमत्ता से प्रश्नों को समझकर और फिर उत्तरों को संक्षिप्त और सटीक शब्दों में लिखकर ही इस महापरीक्षा में सफलता अर्जित की जा सकती है। उल्लेखनीय है कि यूपीएससी परीक्षा हेतु कोई भी पुस्तक आपको सम्पूर्ण उत्तर नहीं दे सकती, जिसे परीक्षा में ज्यों-का-त्यों लिखा जा सके।
जैसा कि प्रथम संस्करण के प्राक्कथन में भी विदित है कि हमारा प्रयास अभ्यर्थियों को एक तथ्यात्मक पृष्ठभूमि उपलब्ध कराना है, जिससे वे देश की आआंतरिक सुरक्षा के समक्ष पौजूर चुनौतियों से संबंधित मुद्दों को ठीक तरह से समझ सकें और उनका विश्लेषण कर सकें। इसके लिए अभ्यर्थियों को गृह मंत्रालय को वेबसाइट और अखबार-पत्रिकाएं पड़नी चाहिए, विशेषकर आंतरिक सुरक्षा के ताजा मामलों पर आधारित सामग्री को जिससे की यह अपना विचार बना सके और उसके अनुसार प्रश्नों का उत्तर देने का प्रयास कर सके। इस संदर्भ में हमारी केवल यही सलाह है कि आपको किसी खास दर्शन या विचारधारा के बहाव में नहीं बह जाना चाहिए। इसके बजाय आपका दृष्टिकोण संतुलित होना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण है कि आपके दृष्टिकोण में राष्ट्रीय सुरक्षा का स्थान सर्वोच्च होना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि भारत के संविधान और इस देश के कानून से बढ़कर कोई भी नहीं है।
इस संस्करण में, सभी अध्यायों को भाषा के संबंध में व्यापक रूप से जांचा गया है और अद्यतन किया गया है। इसमें विषयों को सर्वांगीण कवरेज प्रदान करने के लिए पुरातन तथ्यों और आंकड़ों को संशोधित करने के अतिरिक्त, हमने समकालीन और महत्वपूर्ण मुद्दों को समाहित किया है, जैसे मणिपुर में कुकी-मैतेई मुद्दा, सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन अधिनियम 2023, साइबर आतंकवाद, खालिस्तान मुद्दा, साइबर सुरक्षा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की भूमिका, साइबर सुरक्षा में भारत का दृष्टिकोण, क्रिप्टोकरेंसी इत्यादि। साथ ही, लगभग सभी अध्यायों में प्रासंगिक संशोधन किये गए हैं।
मुझे यकीन है कि यह पुस्तक यूपीएससी अभ्यर्थियों के लिए मुख्य परीक्षा में न कंवल सामान्य अध्ययन पेपर III हेतु मददगार होगी, अपितु निबंध पेपर के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण साबित होगी। यह राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर एक स्पष्ट अंतर्दृष्टि विकसित करती है जिससे अभ्यर्थी निबंध लेखन की सुस्पष्ट एवं सुव्यवस्थित योजना बना सकते हैं। इस
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